तुझे विश्वास क्यूं नहीं होता! मैं तेरे पीछे होकर रोता! तुझे विश्वास क्यूं नहीं होता! मैं तेरे पीछे होकर रोता!
हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है हर एक को किसी न किसी चींज की तलाश होती है मुझे भी है
सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अंधेरे की चाह न सुबह के भूले,जब घर लौटे घर तो था दीवार नहीं थी अंधेरा फिर भी रौशन था अं...
एक धाविका से प्रेम की कविता... एक धाविका से प्रेम की कविता...
देखा ,,,,,, आगरे का ताजमहल दिल्ली का लालकिला, अमृतसर का पवित्र वो सोने का मंदि देखा ,,,,,, आगरे का ताजमहल दिल्ली का लालकिला, अमृतसर का पवित्र ...
रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई रोशनी की चाह मे , आंखे चली गईं , जैसे ढली है साँझ, बिजली चली गई